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प्राचीन जैन स्मारक। चैत्यखिड़की सहित गृह तथा हाथी आदि चित्रित हैं। (देखो इंडिया आकिलो सर्वे रिपोर्ट १९०३-४ सफा १२३)। .
सं० नोट-इसमें किनहीं महापुरुषोंका दीक्षा लेनेका या भक्तिका दृश्य झलकता है। संभव है ये सब जैन धर्मसे सम्बन्ध . रखते हों इसकी पूरी२ जांच होनी चाहिये।
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(५) बरार विभाग। इतिहास-इसका प्राचीन नाम विदर्भ है। जहां कृष्णकी पट्टरानी रुक्मिणीका भाई रुकमी गज्य करता था। विदर्भले राजा भीमकी कन्या दमयन्ती थी।
सन ई०से तीन शताब्दी पहलेसे अन्ध्र लोगोंका राज्य था। इस अंध्र वंशका २३वां राजा विलिवायुकुर द्वि० (सन् ११३१३८) था जिसने गुजरात और काठियावाड़के क्षत्रपोंसे युद्ध किया था। सन् २३६में यहां क्षत्रपोंने राज्य किया, फिर वाकातक वंशने फिर अमीरोंने फिर चालुक्योंने सन् ७५० तक राज्य किया। फिर . सन् ९७३ तक राष्ट्र कूटोंने । पश्चात् चालुक्योंने फिर देवगिरि यादवोंने फिर मुसल्मानोंका राज्य हुआ।
यहां १७७१० वर्ग मील स्थान है।
चौहद्दी यह है-उत्तरमें सतपुरा पहाड़ी और तापती नदी,. . पूर्वमें मध्य प्रांत वर्षा, पश्चिम वम्बई और हैदराबाद ।
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