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प्राचान जैन सारक। इधर उधर पड़ी हैं। यहां कई शिलालेख मिले हैं, उनमेंसे एक रतनपुरके कलचूरी राजाओंके सम्बन्धका है जिसमें चेदी सं० ९१९ या ११६७ ई० है, नागपुर म्यूजियममें है।
(५) तुमन-ता. विलासपुर-यहांसे ६० मील । नमींदारी लाका रतनपुरसे ४५ मील हैहय वंशी "जब छत्तीसगढ़ आए तब पहले यहीं वसे" ऐसा सन् १११४ के जजल्लदेव प्रथमके शिलालेखमें कहा है। उसके बड़े कलिंगराजने तुमनमें स्थान जमाया। रत्नदेवने जो जजल्लदेव देवश्च दादा था रतनपुरमें राज्यधानी स्थापित की थी।
(१९) संबलपुर जिला । ___ यहां पाटना राज्यमें कोन्धनके तोप वर्गनेमें तीतलगढ़ है। ग्रामसे एक मील करीब दूर धवलेश्वरका मंदिर है जिसके बाहर श्री पार्श्वनाथजीकी पाषाणकी मूर्ति है ब एक बड़े कमरेके ध्वंश हैं। (देखो सी० पी० कौजिन रिपोर्ट सन् १८९७ जिल्द. १९)
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(२०) लगुजा राज्य इम राज्यकी लखनपुर जमींदारी में रामगढ़ पहाड़ी है। यह लखनपुरसे पश्चिम १२ मील है। "रामगढ़ पहाड़ी" यह २६०० फुट ऊंची है। बंगाल नागपुर रेलवेके खरसिया म्टेशनसे १०० मील है। यहां प्रतिवर्ष यात्री आने हैं। पहाड़के उत्तर भागके पश्चिमी चढ़ानकी तरफ गुफाएं हैं। इसकी उत्तरी गुफाको सीनामें और दक्षिणी गुफाको जोगीमारा कहते हैं।