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________________ ३८] प्राचीन जैन स्मारक। (४) छत्तीसगढ़ विभाग । [१६] द्रुग जिला। चौहद्दी इस प्रकार है-उत्तरमै बिलासपुर, पूर्वमें रायपुर, दक्षिण कंकड राज्य व पश्चिममें खेरागढ़ नांदगांव गज्य, चांदा । यहां स्थान ३८०७ वर्गमील है। नागपुरा-ता. हुग-यहांसे उत्तर पश्चिम ५ मील । वहां प्राचीन जैन मंदिर हैं और यह कथा प्रसिद्ध है कि आरंग, देववलोदा और नागपुरामें एक ही गतको ये मंदिर बनवाए गए थे। [१७] रायपुर जिला चौहद्दी यह है कि दक्षिण तरफ महानदीका तट, उत्तर पश्चिम सतपुरा पहाड़ी, दक्षिण पश्चिम महानदी तक खंडित देश । यहां ११७२४ वर्गमील स्थान है। इतिहास-यहां हैहयवंशी, जो कलचूरीके नामसे प्रसिद्ध थे, बहुतकाल राज्य करने रहे । इनका मूल राज्य चेदी देश ( चंबल नदी उत्तरपश्चिमसे लेकर चित्रकूटके उतरपूर्व लवी नदीतक) में था। बुन्देलखंडके दक्षिणपूर्वकी ओर पहाड़ियोंपर इनका आधिपत्य था। रतनपुरमें-इनका शिलालेख सन् १९१४ का मिला है। चेदी राजा कोलके अठारह पुत्र थे। पहला त्रिपुराका राजा था। छोटेमेंसे एकने कलिंग राजाका पुत्रत्व पाया। अपना देश छोड़ गया, उस देशको दक्षिण कौशल देश कहा । यहां चेदी वंशने १०वीं सदीसे सन् १७४० तक राज्य किया।
SR No.010443
Book TitlePrachin Jain Smarak Madhyaprant Madhya Bharat Rajuputana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1926
Total Pages185
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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