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प्राचीन जैन स्मारक ।
(३) सावरगांव - नागपुर से ३६ मील, काटोलसे उत्तर १० मील | यहां एक सुन्दर महावीर स्वामीका मंदिर है । नोट- यहां जैन शब्द नहीं है, जांचना चाहिये ।
(४) उमरेर नगर - नागपुर मे दक्षिणपूर्व २९ मील। यहां १०००० कुटी लोग हैं जो हाथसे रेशमकी किनारी सहित रुईके कपड़े बुनते हैं । यहांसे प्रतिवर्ष २ लाख रुपयेका कपड़ा बाहर जाता है | नोट - इनमें कुछ जैन कुष्टी होंगे जैसा मेन्सससे प्रगट है तलाश करना चाहिये ।
(४) नागपुर - यहां कई जैन मंदिर हैं। यहां के म्यूजियम में जैन मूर्तिये इस तरहपर कौजन साहबकी रिपोर्टके अनुसार मन् • १८९७ में थीं ।
दो जैन मूर्तियां हुशंगाबादसे, कुछ जैन मूर्तियोंक भाग खंडवासे, कुछ जैन मूर्तियां चरहानपुरसे व कुछ जैन मूर्तियां नीमार, चिचोटी, वाघनदी और हांजीसे लाई हुई थीं ।
नोट -बरहानपुरकी मूर्तियां अखंडित व पूजा थीं जो वहांसे मिल गई हैं और परवारोंके दि० जैन मंदिर में विराजमान है ।
[१३] चांदा जिला ।
चौहद्दी -उत्तरमें नांदगांव राज्य और भंडारा, नागपुर, वर्धा, पश्चिम और दक्षिणमें येवतमाल और निजाम राज्य, पूर्वमें वस्तर और कंकड़ राज्य व द्रुग | यहां १०१५६ वर्ग मील स्थान है ।
इतिहास - चन्दाके निकट भांदक ग्राम वाकातक वंशकी राज्यधानी थी जिनका शासन बरार, मध्यप्रांत नर्बदा के दक्षिण बाई गंगातकं था। शिलालेखोंसे प्रगट है कि इन राजाओंने चौबीसे