________________
३२] प्राचीन जैन स्मारक।
देवगढ़-जो-छिंदवाड़ासे दक्षिण पश्चिम:२४. मील है.। वहां छिन्दवाड़ा और नागपुरका प्राचीन, राज्यवंशी स्थान. था। यह इतना प्रभावशाली हुआ कि इसने मांडला और. चांदाको अपने आधीन किया था।
(१) छिन्दवाडा-यहां गोलगंजमें जैन मंदिर हैं ।
(२) मोहगांव-ता. सौसर-यहांसे : मील, छिंदवाड़ासे ३७ मील । १० वीं शताब्दीके राष्ट्रकूट लेखमें इसका नाम मोहनग्राम है। यहां दो प्राचीन मंदिर हैं।
(३) नीलकण्ठी-ता० छिंदवाड़ा-यहांसे दक्षिण पूर्व १४ मील कुछ मंदिरोंके ध्वंश हैं। एक मुख्य मंदिरके द्वारपर एक. लेख सहित स्तम्भ है, जिस मंदिरके कोम्की भीत २६४ फुट लंबी और १३२ फुट चौड़ी है।
नोट-इन स्थानों में जैन चिन्हों को ढूंढना चाहिये।
HESENTAL