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प्राचीन जैन ' स्मारक ।
( १ ) जबलपुर विभाग । [१] सागर जिला । हमकी चौहद्दी यह है - उनमें झांमी, पन्नाराज्य, विजावर, चरखारी; पूर्व में पन्ना और दमोह द क्षगमें नरसिंहपुर, भोपाल पश्चिम में भोपाल और ग्वालियर । हम जिलेमें २९६२ वर्गमील भूमि है ।
इतिहास - मागर नगरसे उत्तर ७ मील गढ़ी पाहरी है जिसको -गोंद राजाने बसाया था । गोंड़ों के पीछे अहीरोंने (जिनको फौलादिया कहते हैं) रेहली ने किला बनाया। अनुमान १०२३ सन्के जालौन के एक राजपूत निहालसाने अहीरों को हटा दिया तथा सागर व दूसरे स्थान लेलिये। निहालसाके वंशवालोंने करीब ६०० वर्षो तक राज्य किया परन्तु महोवाके चंदेलोंने उनको परास्त कर अपनाकर दाता बना लिया था। चंदेन राजाओं के दो वीर आल्हा और ऊदल बहुत प्रसिद्ध हुए हैं। इनकी प्रशंसामें जो गीत है उनमें इनकी प्रसिद्धि ५२ युद्धों में बताई गई है ।'
महोबा के एक किसी डांगी सर्दा उदनशाहने सन् १६६० में सागर बसाया । इसने नगरका परकोटा बनाया । उदनशाहके पोते पृथ्वीको प्रसिद्ध बुन्देलाराजा छतरशाहने हटा दिया परंतु जैपुरके राजाने फिर स्थापित किया, तथापि कुईके मुसलमान सर्दारने फिर हटा दिया। तब वह बिलहरोंमें चला गया जहां उसके वंशजोंकपास विलहरा और दूसरे 8 ग्राम विना मालगुजारीके नमीतक पाए जाते हैं । सन् १७३५ में मराठा पेशवा बाजीरावके भतीजेने
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