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________________ प्राचीन जैन स्मारक | (३) कडोड - पर्ग ० धार - यहांसे १४ मील उत्तर पश्चिम जैन १०८ ] मंदिर हैं । (४) सादलपुर - पर्ग ० धार - यहांसे १२ मील प्राचीन जैन मंदिर हैं । (५) तारापुर - पर्ग धरमपुर - यहां ग्राममें एक जैन मंदिर है जिसको किसी गोपालने सन् १४७४ में बनवाया था । [१४] बडवानी राज्य | इसकी चौहद्दी यह है । उत्तरमें धार, उत्तर पश्चिममें अली1 राजपुर, पूर्वमें इन्दौर, दक्षिण पश्चिम खानदेश । यहां ११७८ वर्ग मील स्थान है । यहां सेसोदिया राजाओंका राज्य है जिनका सम्बन्ध उदयपुरके राणाओंसे है । 1 वडवानी नगर-टेशन मऊ छावनीसे ८० मील | नगरसे पांच मील बावनगजा पहाड़ी है । यह जैनियोंका बहुत प्रसिद्ध. तीर्थ है । पर्वतकी चोटी पर एक छोटा मंदिर पुराने मंदिरोंके खंडोंसे बनाया गया है । और भी मंदिर हैं। श्री ऋषभदेवकी मूर्ति 1 पहाड़पर कोरी हुई है इसको बावनगजा कहते हैं, यह ८४ फुट ऊंची है। पर्वत पर नीचे और भी मंदिर है । पौष सुदी पूर्णिमाको मेला भरता है । बहुत दि० जैन यात्री आते हैं । यह पर्वत २१११ फुट ऊंचा है। वड़वानीका प्राचीन नाम सिद्धनगर है । यहां एक पुराना मंदिर है जो सिद्धनाथका मंदिर प्रसिद्ध है । यह मूलमें जैन था । अब महादेव पधरा दिये गये हैं ।
SR No.010443
Book TitlePrachin Jain Smarak Madhyaprant Madhya Bharat Rajuputana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1926
Total Pages185
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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