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________________ मध्य भारत। [१.५ (११) राजगढ़ राज्य। विहार ग्रामसे ३ मील कोटरा ग्राम है जहां एक गुफामें मस्तक रहित जैन मूर्ति है। (१२) सैलाना राज्य । सैलाना-नामली प्टेशन (राजपूताना मालवा रे०) से १० मील उत्तर है । नगरमें ३ जैन मंदिर हैं । (१३) भोपावर एजन्सी-धार राज्य । भोपांवर एजन्सीमें ७६८४ वर्ग मील स्थान है । चौहद्दी है-उत्तरमें रतलाम, इन्दौर; दक्षिणमें खानदेशः पूर्वमें नीमाई, भूपाल पश्चिममें रेवीकोटा । यहां २६ राज्य शामिल है । धार राज्य-यहां ७७५ वर्ग मील स्थान है। यह परमारोंकी प्रसिद्ध राज्यधानी है। परमारोंने यहां नौमीसे तेरहवीं शताब्दी तक राज्य किया था। (१) धारानगर-यह प्राचीन नगर है । पहले राज्यधानी उजैन थी। पांचवे राजा वैरीसिंह द्वि०ने नौमी शताब्दीके अंतमें धारमें राज्यधानी स्थापित की। महाराज मुंज वाकपतिके राज्य (९७४-९९५) में सिंधुराजके राज्य (९९५-१०१०) में और राजा भोजके राज्य (१०१०-१०५३) में धार विद्याका केन्द्र था। ये राजा स्वयं साहित्य व काव्यके रचनेवाले थे और साहित्यके
SR No.010443
Book TitlePrachin Jain Smarak Madhyaprant Madhya Bharat Rajuputana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1926
Total Pages185
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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