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तेरहवाँ अध्याय । ... ... ... .. .. . . . . .mmanmamr बात कभी अपने मुंहसे भी नहीं निकालनी चाहिए । तुम तो स्वयं ही सव कुछ समझते हो और विद्वान् लोगोंमें आदर पाते हो । फिर तुमसे इस विषयमें और अधिक क्या कहा जावे । पुण्य और पापका क्रमसे शुभ और अशुभ या यों कहिए कि सुख और दुःख-रूप फल मिलता है । यह तुम अच्छी तरह जानते हो। इस विषयमें भी तुम्हें समझाना नहीं है । देखो, जो दयालु संसार परिभ्रमणसे डरता है वह पुण्योदयसे प्राप्त होनेवाली सम्पदाकी नॉई ही सुखको पाता है । और जो निर्दय व्रत वगैरहको न पाल कर मदके आवेशमें जीवोंको मारता है वह ढीठ पुरुप दुर्बुद्धिसे नष्ट होनेवाली सम्पदाकी नॉई नष्टभ्रष्ट हो जाता है-दुःखी होता है; उसे कभी सुख नहीं मिलता है । विचार फर तो देखा कि यह धीवर कितना गरीब है, भूखसे खेद-खिन्न होनेके कारण कितना दुःखी है, पापसे पीड़ित और असन्तुष्ट है । इस लिए दयालु भाई, इसे मारना कैमे उचित हो सकता है। दूसरे यह कि यह हम लोगोंको गंगा पार ले जा रहा है, इस लिए हमारा उपकारी है । फिर तुम्ही बताओ कि कहीं उपकारीको भी मारा जाता है ? भाई, इसे मारना किसी तरह भी उचित नहीं है । तुम कोई दूसरा उपाय सोचो, जिससे हम सब सुखसे पार पहुंच जावें।
यह सुन कर अद्भुत पराक्रमी, भीम मुसक्या कर बोला--तो प्रभो, आप निश्चित होकर इस डिकाको वृप्त करनेके लिए युद्ध-अकुशल, नकुलको या दया-रहित
और कुलकी रक्षाके लिए असमर्थ सहदेवको मार कर भेट दे दीजिए । इन दोनोंमेसे किसी एककी बलि देकर पुण्य-रूप वायुकी सहायतासे सुखसे पार चले चलिए; विलम्ब न कीजिए । यह सुन कर महिमाशाली और महान् पुरुषों द्वारा मान्य युधिष्ठिरको मूछी सी आ गई और वह विशिष्ठात्मा भीमसे बोला कि हा तात भीम, तुम्हारे मुंहसे इतनी भयानक वात कैसे कही गई ! मुझे तो ये दोनों भाई पुत्रोंकी भाँति प्यारे हैं-इन पर मेरा कितना प्रेम है, यह तुम नहीं जानते ? हाय ! सुखसे रहनेवाले प्यारे भाइयोंको मैं कैसे मार सकता हूँ। ये तो मुझे मेरे प्राणोंसे भी कहीं ज्यादा प्यारे हैं और इन्हींके भरोसे मैं निर्भय हो रहा हूँ। फिर तुम्ही वताओ कि इनको मारना क्या उचित है ? नहीं, भीम, ऐसी वात मत कहो, ऐसा करनेसे बडा अन्याय होगा-इस अन्यायकी कुछ सीमा ही न रह जायगी । देखो, यदि हम यहॉसे इनको मार कर जायँगे तो सब लोग धिकार देंगे और अपयशका पटह पीटेंगे । वे कहेंगे कि देखो, यह राजा अपने जीवनको प्यारा समझ कर अपने छोटे भाइयोंको मार कर देवीकी भेंट दे आया