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पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास वाल लेख पाता है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उज्जैन तथा पद्मावती नगरो के पल्लीवाल बाद मे फिर से एक स्थान पर नागपुर के आस पास एकत्रित हो गये । आज भी इन जातियो के परिवार विदर्भ क्षेत्र में रहते है।
दिगम्बर आम्नाय को मानने वाले पल्लीवाल गुजरात के पाटण, मेहसाना, अहमदाबाद, बडौदा तथा राजकोट जिलो मे भी रहते थे तथा उन्होने मूर्ति आदि की प्रतिष्ठाएँ भी कराई, लेकिन खेद है कि आज तक इन स्थानो के दिगम्बर मूर्ति लेखो को अभी तक सकलित नही किया गया है, इसी कारण वे अब तक प्रकाश मे नही आई हैं।
कन्नौज, अलीगढ, फिरोजाबाद, कचौडाघाट तथा मुरैना क्षेत्रो मे रहने वाले पल्लीवाल हमेशा से दिगम्बर आम्नाय को मानते रहे है तथा आज भी दिगम्बर धर्म को मानते है। यहाँ के लोगो ने कई मन्दिगे का निर्माण कराया है तथा मूर्तियो की प्रतिष्ठाएँ भी कराई है। कई प्राचीन मन्दिर अाज भी मौजूद है। लेकिन खेद है कि इन क्षेत्रो के दिगम्बर मूर्तिलेख आदि भी अभी तक प्रकाश मे नही पाये है। अत उपर्युक्त मूर्ति लेखो मे इसी कारण दिगम्बर मूर्ति लेखो की संख्या कम है।