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पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास
कुछ लोगो की धारणा है कि पल्लीवाल जाति की उत्पत्ति कन्नौज से हुई ( 12 ) क्योकि पल्लीवाल जाति बहुत पहले से ही वही पर रह रही है । लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है । यदि जाति को उत्पत्ति कन्नौज से हुई होती तो इसका नामकरण कन्नौज नगर के नाम पर कनवजिया आदि होना चाहिए था । जाति का नाम पल्लीवाल फिर कैसे पड़ा ? इस प्रश्न का कोई समाधान नही है । प्रत. कन्नौज से पल्लीवाल जाति की उत्पत्ति नही मानी जा सकती है।
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पल्लीवाल नाम से लगता है कि जाति की उत्पत्ति पल्ली नाम के किसी नगर से ही होनी चाहिए। हम 'दत्तपल्ली' तथा पल्लीपुर' इन दो नगरो का उल्लेख कर चुके है। इन दोनो नगरो से पल्लीवाल जाति का भी सम्बन्ध रहा है । अत इनमे से किसी एक नगर से पल्लीवाल जाति की उत्पत्ति मानी जा सकती हैं । पल्लीपुर का उल्लेख बारहवी तेरहवी शताब्दी के लेखो मे मिलता है । यह नगर गुजरात खण्ड मे स्थित था । दत्तपल्ली नाम का नगर दसवी - ग्यारहवी शताब्दी का इटावा प्रचल का प्राचीन
नगर था ।
पल्लीपुर नाम से ऐसा प्रतीत होता है कि इस नगर का यह नाम वहाँ पर पल्लीवालो के रहने के कारण पडा । पल्लीपुर यानि कि पल्लीवालो का पुर । श्री कजोडीलाल राय से प्राप्त हस्तलिखित 'प्रार्थना पुस्तक' से भी यही सिद्ध होता है कि पल्लीवालो नेपल्लीपुर में वास किया जो कि गुजरात खण्ड के मध्य मे स्थित है । अत पल्लीपुर से पल्लीवाल जाति की उत्पत्ति नही मानी जा सकती है ।
दत्तपल्ली नाम से ऐसा आभास होता है कि नगर का यह नाम पल्लीवाल जाति के किसी विशिष्ट व्यक्ति के नाम पर पडा है । इससे भी पल्लीवाल जाति की उत्पत्ति नही मानी जा सकती है ।