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पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास
से समाज के सभी विद्यार्थियो की एक सभा 'पल्लीवाल धर्म-वर्धनी क्लब' नाम से 11 दिसम्बर सन् 1892 में स्थापित हुई। इस क्लब ने समाज में एक क्रान्ति पैदा कर दी थी। इसी के फलस्वरूप वि. स. 1977 जेष्ठ कृष्णा 7 को बरारा अधिवेशन म 'पल्लीवाल जैन कान्फ्रेस' की स्थापना हुई, जिसके आप सभापति चुने गये। आपके प्रयासो से ही मुरैना तथा फिरोजाबाद के पल्लीवालो के साथ रोटी-बेटी का व्यवहार प्रारम्भ हुआ। अाज हम पल्लीवाल जाति को जिस सगठित रूप में देख रहे है उसका बनियादी श्रेय आपको ही जाता है। पल्लीवाल जाति के सुधारक के रूप में आपका प्रथम स्थान रहेगा।