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विशिष्ठ व्यक्तियो का सक्षिप्त परिचय
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सेवामो के कारण मापको 'जाति-भूषण' को उपाधि से सम्मानित किया गया।
पडित जी 'दिगम्बर जैन बोडिंग हाउस', आगरा के प्रथम ट्रस्टियो मे से एक थे। बोडिंग भवन के निर्माण में आपका सराहनीय योगदान रहा । आप पल्लीवाल जाति के ही नहीं बल्कि आगरा जैन समाज मे भी ख्याति पुरुष थे।
चैत्र बदी 13 सवत् 1982 को आप दिवगत हो गये। (5-11) मुनि श्री सूर्यसागर जी
पाप पत्लीवाल जात्युत्पन्न थे तथा अलीगढ के रहने वाले थे। आपके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है, लेकिन इतना मालूम है कि लगभग 70 (सनर) वर्ष पहले आपका चतुममि योग एक बार ललितपुर में हुआ था। (5-12) मा० कन्हैयालाल जो
मास्टर कन्हैयालाल जी का जन्म आगरा के ग्राम बरारा म सन् 1869 के सितम्बर मास मे हुआ था। आपके पिता का नाम श्री भरूलाल था। आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और होनहार थे। बरारा का शिक्षण समाप्त करने के बाद माप प्रागरा भेज दिये गये। वहाँ एम० ए० तक की उच्च शिक्षा प्राप्त की। बाद में आपने एल० टी० को परीक्षा भी पास की। उसके उपरान्त आप अजमेर के 'नारमल स्कूल' के यशस्वी प्रधानाध्यापक पद पर रहे।
वि० स० '943 मे अठारह वर्ष की आयु मे आपका विवाह सस्कार हुमा । आपके दो सुपुत्र विष्णुचन्द्र और प्रकाशचन्द्र क्रमश वि० स० 1960 और वि० स० 1962 मे हुये ।
आप पर प्रार्य समाज जैसे सुधारवादी आन्दोलनो का बहुत प्रभाव था। आपने पल्लीवाल जाति की सामाजिक स्थिति सुधारने तथा जाति को संगठित करने के कई प्रयत्न किये। आपके प्रयत्नो