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________________ पंचम-प्रध्याय पल्लीवाल जाति के विशिष्ट व्यक्तियों का संक्षिप्त परिचय पल्लीवाल जाति मे समय-समय पर बडे-बडे विद्वान पैदा होते रहे है जिन्होने जैन धर्म का प्रचार किया तथा धर्म के मर्म को समझ कर अपने जीवन में भी उतारा। इन विद्वानो मे से कुछेक तो बहुत प्रसिद्ध है तथा पूरा जैन समाज उनसे परिचित है, लेकिन बहुत से ऐसे भी है जिनके बारे में पल्लीवाल जाति के अधिकतर लोग नही भी जानते है। जनसख्या की दृष्टि से पल्लीवाल जाति एक छोटी सी जैन जाति है, लेकिन इसमे इतने बडे-बडे विद्वान व विशिष्ट पुरुष हुए है, यह इस जाति के लिए बहुत ही गौरव की बात है। यहाँ पर उन्ही का सक्षिप्त परिचय प्रस्तुत है । (5-1) कवि धनपाल पल्लीवाल धनपाल नाम के दो विद्वान हुए है। एक ग्यारहवी शताब्दी के पूर्वार्द्ध मे हुए है। ये ब्राह्मण थे तथा बाद मे दिगम्बर जैन धर्म अपना लिया था। ये बहुत विद्वान थे। इन्होने संस्कृत मे 'तिलक मजरी' नामक गद्य की रचना की। दूसरे धनपाल कवि तेरहवी शताब्दी मे हुए है। इन्होने 'तिलक मजरी सार' नामक संस्कृत काव्य की रचना की। अपनी
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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