________________
N
सोलहवा परिच्छेद भोगना पड़ा था। यदि मनुष्यमें विचार शक्ति नहीं होती, तो उसका उत्साह और उसकी प्रभुता उसके लिये विषरूप हो पड़ती है। हे प्रभो! नीतिशास्त्रका कथन है कि शत्रु अपने समान या अपनेसे दुर्बल भी हो, तो उसे अपनेसे बढ़कर समझना चाहिये। ऐसी अवस्थामें, महावलवान कृष्ण, जो हमसे कहीं प्रबल हैंउनसे युद्ध करना युक्ति-संगत नहीं कहा जा सकता। फिर, यह तो आप स्वयं भी देख चुके हैं, कि रोहिणीके स्वयंवरमें दसवें दशाई वसुदेवने समस्त राजाओंको चक्करमें डाल दिया था। उस समय उससे युद्ध करनेका किसीको भी साहस न हुआ। हमें यह भी न भूलना चाहिये, कि उसके बड़े भाई समुद्र विजयने ही उस समय हमारे सैन्यकी रक्षा की थी। ____ इसके अतिरिक्त यह तो आपको याद ही होगा, कि आप बहुत दिनोंसे वसुदेवकी खोजमें थे। द्यूतक्रीड़ामें करोड़ रुपये जीतने और आपकी पुत्रीको जीवनदान देनेपर हमलोगोंने उसे पहचाना और हमारे आदमियोंने उसे मारनेकी चेष्टा भी की, किन्तु अपने प्रभाव