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नेमिनाथ-चरित्र वृषभ, केशी नामक अश्व, दुर्दान्त गर्दभ तथा दुर्दमनीय मेषको वृन्दावनमें छोड़ दो और उन्हें स्वच्छन्द विचरण करने दो। जो इन चारोंको मारे, उसे ही देवकीका सातवॉ पुत्र समझना ! निःसन्देहं उसीके हाथसे तुम्हारी मृत्यु होगी।" - कंसने पूछा- क्या इसके अतिरिक्त उसकी और भी कोई पहचान है ?
ज्योतिपीने कहा-'हॉ, अवश्य है। आपके यहाँ शारंग नामक जो धनुप है, आपकी वहिन सत्यभामा जिसकी नित्य पूजा करती है, उसे जो चढ़ायेगा, वही आपके प्राणोंका घातक होगा। ज्ञानियोंका कथन है कि वह धनुष वासुदेवके सिवा और कोई धारण न कर सकेगा। इसके अतिरिक्त वही कालीयनागका दमन करेगा और चाणूर मल्ल तथा आपके पद्मोत्तर तथा चम्पक नामक हाथियों को मारेगा। जो यह सब कार्य करेगा, उसीके द्वारा आपकी भी मृत्यु होगी।
ज्योतिषीके यह वचन सुनकर कसका हृदय भयसे. कॉप उठा। उसने अपने शत्रुको खोज निकालनेके