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नेमिनाथ चरित्र देरमें श्रीकृष्ण जब खेलते खेलते उस गाड़ी के नीचे पहुंचे, तव शकुनी उस गाड़ी पर चढ़ गयी और उन्हें उसके नीचे दबाकर मार डालनेकी चेष्टा करने लगी। यह देखकर श्रीकृष्ण वहाँसे बाहर सरक आये। बाहर पूतना
ड़ी थी। वह कृष्ण को गोदमें लेकर उन्हें अपना जहर से भरा हुआ स्तन पिलाने लगी। परन्तु उसकी भी यह चाल वेकार हो गयी। कृष्णकी रक्षा करनेके लिये जो देवता सदैव उपस्थित रहते थे, उन्होंने इसी समय उस गाड़ी द्वारा प्रहार कर उन दोनोंकी जीवन-लीला समाप्त कर दी। ___ इस घटनाके कुछ देर बाद वहाँ नन्द आ पहुंचे। सबसे पहले उनकी दृष्टि उस गाड़ी पर जा पड़ी, जो शनि और पूतना पर प्रहार करनेसे चूर चूर हो गयी थी। इसके बाद उन्होंने रक्तलोचनवाली राक्षसी समान उन दोनों विद्याधरियोंको देखा, जिनके प्राण-पखेरू तनपिञ्जरको वहीं छोड़कर न जाने कहाँ प्रयाण कर गये थे। यह सब देखते ही नन्दके प्राण सूख गये। किसी अज्ञात शंकासे उनका हृदय कॉप उठा। वे अपने मनमें,