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छठा परिच्छेद
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वसुदेवका यह प्रश्न सुनकर एक बुढ़े आदमीने कहा :-- "हे कुमार ! कलिङ्गदेशमें काँचनपुर नामक एक नगर है। वहाँपर जितशत्रु नामक राजा राज्य करता 1 उसीका यह सोदास नामक पुत्र है। यह वचपनसे ही माँसका लोलुप है, किन्तु राजाने समस्त जीवोंको अभयदान दे रखा है । इसलिये एकदिन इसने अपने पितासे कहा :- "मुझे प्रतिदिन एक मयूरका माँस अवश्य मिलना चाहिये ।" पिताको यह बात बिलकुल पसन्द न थी, फिर भी पुत्रस्नेहके कारण उसने उसकी बात मान ली । उसी दिनसे उसका रसोइया मंशगिरिसे प्रतिदिन एक मयूर ले आने लगा । एकदिन मारे हुए मयूरको बिल्ली उठा ले गयी, इससे रसोइयेने एक मरे हुए बालकका मॉस पकाकर उसे खानेको दे दिया । उस माँसको खाते समय सोदासने पूछा :- "आज यह माँस अधिक स्वादिष्ट क्यों है ?"
यह सुनतेही रसोइया पहले तो डर गया, किन्तु बादको उसने सारा हाल उससे कह सुनाया । सुनकर सोदासने आज्ञा दी कि आजसे मनुष्यका ही. माँस
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