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________________ ( 3 ) भगवान" का मंदिर है । वह जीर्ण शीर्ण हो गया था, इसलिये उसके जीर्णोद्धार में १२,०००) यारह हजार क० लगाकर पुनः प्रतिष्ठा करवाई । एवं समूचे मंदिरका जीर्णोद्धार करवाया । यह जीर्णोद्धार २००१ में करवाया है। इसी वर्ष जीयागंजके श्रीसंभवनाथ भगवान मंदिरमें तथा दादावाड़ीके मंदिरमें भी १५००) रु० लगाकर जीणोद्धार करवाया । दिनाज पुर के मन्दिरके इसके सित्रा वनारस में अपने पूर्वजोंका बनाया हुआ श्रीपार्थनाथ भगवानका मंदिर है, उसके जीर्णोद्धारके चन्देमें ३०००) तीन हजार रुपये प्रदान किये। बालूचर जीयागंजके श्रीश्रादीश्वर भगवान के मन्दिरमें वेदो निर्माणके लिये १०००) रु० प्रदान किये । पावापुरीके जल-मन्दिरमें तालायके चारों ओर कोट बनवाने के लिये ३०००) रु० की सहायता दी है। जीर्णोद्धार में भी ५००) रुपये प्रदान किये है। संवत् १९४९ में जीयागंज हाईस्कूल (High School ) में श्रीपतसिंह हॉल ( Hall ) के नामसे नई कक्षा ( Olass ) खोलनेके लिये ४०००) चार हजार रुपये लगाकर भवन निर्माण करवाया है । मालदा जिलेमें आपकी जमींदारीका गाँव महानन्द टोला है, उसमें हाई स्कूल बनानेके लिये एवं छात्रोंके खेल कूद करनेके लिये ५००० ) पाँच हजार रुपये की जमीन प्रदान की है। इसके अलावा आपके रहनेका एक विशाल भवन है, उसमें हॉस्पिटल ( Hospital ) औषधालय बनवानेके लिये वचन दिया है । राजगृह, पावापुरी, चम्पानगर, क्षत्रिय-कुण्ड आदि तीर्थ एवं अनेक जैनमन्दिर, धर्मशाला तथा भोजनालयों में भी हजारों रुपयोंका
SR No.010428
Book TitleNeminath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Jain
PublisherKashinath Jain Calcutta
Publication Year1956
Total Pages433
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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