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भाग वन्धका घट जाना अपकर्षण है । अभिप्राय
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णमोकार मन्त्रके रहस्य या
मंगलमन्त्र णमोकार : एक अनुचिन्तन
भावकी जानकारी ।
अभिरुचि
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अभिरुचि अस्फुट ध्यान है
तथा ध्यान अभिरुचिका ही स्फुट रूप है ।
अभ्यास
११९
मनोविज्ञान बतलाता है कि अभ्यास ( Exercise ) बार-वार किसी कार्यके करनेकी प्रवृत्ति जिसका दूसरा नाम आवृत्ति ( Repetition ) है, ध्यान आदिके लिए उपयोगी है । अभ्यास नियम
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अभ्यास नियमको आदत निर्माका नियम भी कहा गया है (The law of habit-formation ) I इस नियमके दो प्रमुख अंग हैं - पहलेको उपयोगका नियम ( The law of use) और दूसरेको अनुप - योगका नियम ( The law of disuse ) कहते हैं। ये दोनो एकदूसरेके पूरक है । उपयोगका नियम यह बतलाता है कि यदि एक खास
परिस्थितिके प्रति वार-बार एक
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तरहकी प्रतिक्रिया प्रकट की जा तो उस परिस्थिति और प्रतिक्रिया
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के बीच एक सम्बन्ध स्थापित
जाता है ।
अरण्यपीठ
एकान्त निर्जन अरण्य में जोकर
णमोकार मन्त्र या अन्य किसी
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मन्त्रकी साधना करना
अरण्य
पीठ है ।
भर्थ
गुरण पर्याय युक्त पदार्थका नाम अर्थ है ।
अर्थ पर्याय
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प्रतिक्षण होनेवाले सूक्ष्म अर्ध पर्यकासन परिणमनको अर्थ पर्याय कहते हैं।
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इस आसन में 'ध्यानके समय अर्ध पद्मासन लगाय जाता है । अवचेतन
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चेतनोन्मुखं मन है । मनके इस चेतन मनके परे अवचेतन या स्तरमे वे 'भावनाएँ स्मृतियाँ, प्रकाशित नहीं हैं किन्तु जो चेतनाइच्छाएँ तथा वेदनाएँ रहती है जो पर आनेके लिए तत्पर हैं । कोई भी
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ارا
میرد