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गीन १. . -
For F. . . . ..., ___ कमान मालकि विनयू-पजागत, त्रिस्यादि..: "3. " .
प्रकृति कई = IS MEET - ८ . ३ धार्मिक चित्र-देवी देवताश्री, पौराणिक आख्याना तथा हिन्दू-त्योहार के
है समाज
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31 २ लेग्यको के चित्र . ... - ; १: .... .
३ महान् व्यक्रिया के चित्र माहित्यिक, पदाधिकारी, राजा आदि) * : . चिो की प्राप्ति में कठिनाई होने के कारण एक चित्रकारी नियुक्ति कर दी गई थी। माईन रिव्यू और प्रवासी' 'के म इडियन प्रेम से छाम्ने सरस्वती' को उलाक अादि की मुविधा-थी । रचनाओं कोलमचित्र छापने की और द्विवेदी जी का विशेष न्याना शा. चिञ्च के विषय में वे पूरी जानकारी सेवन थे । 'भरस्वती में वन्ही चित्र छपते थे जो सुन्दरतापूर्वक छा सकते थे यासुन्दरू'या ऋटिमुर चित्रीको छापन:- की अपेक्षा न छापना ही उल्हाम अधिक श्रेयस्करः ममझा IEE
१. (क' कामता प्रसाद गुरु की 'शिवाजी' कविता को सचित्र करने के लिए लिखा
"मई १९०७ ई. के माईन 'रिव्यू के ४३८ पृष्ठ पर जी चित्र शिवाजी का है वह . इसके साथ छापिए । म ..
'सरस्वती' की हस्तलिखित प्रतियाँ, १६०७ ई., कलाभवन ना. नं सभा । (ब) लक्ष्मीधर वाजपेयी के नानांफडनवीस निबंध के हाशिए पर बादश किया था
इसके साथ ही चित्र छापिए। नानाफडनवीस को और राघोबा दादा पेशवाण का । पहला चित्र हम बाबू को ढे ये हैं दुमक्ष चित्र चित्रशाला प्रेस, पूना से मंगा लीजिए। म. प्र. .३०, ५,1805 ई
. .... 'सरस्वती' की हस्तलिग्विन प्रनियाँ, १६१८ ई. कलाभवन, नागरी-. . प्रचारिणी सभा, काशी, 11' ................. ... .
'की गत मंख्या में शास्त्र विकास हाचालको विज़न धर्मसरि का चित्र महीं मिल पा ३ समस्या यह हुआ कि अचान साह निशु, अराद