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Rafare मणिमाला
रवा - ( ऊपर देख के क्रोध से ) मरे यह देवता अपने के भूल से गये और राम का पक्ष लिये कूद रहे है। अच्छा महारानी' तुम भीतर जाओ। अब हम भी
धरि कछुक भुज महमन्च बानर बोर दिलन महावहूँ । रन खेल के नइ सरिए तपसिन पसि धूरि मिला हैं ॥ रन देखि है मंत्र मन्ध बै आज कटुक विचार में जोति न सोइ सुरन गहि भरौं कारागार में
( free घूम के मन्दोदरी समेत बाहर जाता है ) 1. दूसरा स्थान - समर भूमि के ऊपर आकाश ] ( रथ पर पैठे मातलि समेत इन्द्र आते हैं )
मातलि -देव स्वराज अब तो लंका पहुँच गये। प्रन काल जब सात पयोनिधि |
करत प्रबण्ड भँवर मिलि जेहि बिधि ॥ यहि अवसर निसिचर को पांतो । आवत मडि मड़ि तेहि भांती |
हम समझते हैं कि निशाचरों का राजा लड़ने को बाहर
निकला है।
इन्द्र- मातलि देखो देखो.
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सुत लोदर सेनन के लाथा । कपिन भिरत लखि निश्चरनाया || पटि खोलि र दुर्गा किवारे । खेदे पुर बाहर कपि सारे ॥
कुछ सुनने का लाभाव बताकर ) अरे, यह कौन है जो उत्तर fter से सोने की घंटियां विमान में वांधे हुए आरहा है !,
मातलि चित्ररथ तो हैं जिन्हें आप ने गन्धों का राजा बनाया है ।
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