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________________ ३४ भगवान महावीर । माता थीं। आप बालब्रह्मचारी थे। दूसरे प्रतिनारायण भोगवर्द्धनपुरके राजा श्रीधरके पुत्र तारक आपके समयमें हुआ था । यद्यपि प्रतापी पर अन्यायी राजा था। दूसरे नारायण डिष्टष्ट और बलदेव अचल मी अभी हुए थे । भगवानका चिन्ह मैंसा है। 3 (१२) विमलनाथ स्वामी तेरहवें तीर्थकर कम्पिला नगरीमें L · हुएं थे। आपके पिता सुक्रतवर्मा उस समय यहां राज्य करते थे । रानी संयमा थीं । कम्पिलमें ही राजा द्रोपद हुए थे । यह आम कायमगंज रेल्वे स्टेशन (R. M. R. से १ मील दूर है 1 भगवानके गर्भ, जन्म, तप और ज्ञान कल्याणक यहीं हुए थे । परन्तु मोक्षलाभ सम्मेदशिखरसे हुआ था । चिन्ह सुअरका है। (१३) अनन्तनाथ भगवान १४ वें तीर्थकर थे । अजुध्या नगरीके राजा सिघसेन रानी सर्वयशाके यहां इन्होने जन्म लिया था । चंश इक्ष्वाक और गोत्र काश्यप था । सम्मेदशिखरसे मोक्षलाभ किया था | चिन्ह रींछका है । (१४) धर्मनाथजी १५ वें तीर्थकर रत्नपुरीके राजा मानुरानी सुव्रताके महान पुत्र थे । आपके मोक्ष प्राप्त करनेके बाद तीसरे चक्रवर्ती श्रावस्तीके राजा सुमित्र हुए थे। आपके पट्टरानी भद्रवती थी । भगवानने धर्मका उद्योतकर सम्मेदशिखरसे मोदालाम किया था | चिन्ह वज्जदण्ड है । (१५) श्री शांतिनथजी १६ वें तीर्थकर हुए थे । हस्थिनापुरके राजा विश्वसेन आपके पिता और उनकी पत्नी रानी एग - आपकी माता थी । आप पंचम चक्रवत्ति थे । सार्वभौमिक राज्य करके आपने धर्मका भी साम्राज्य फैलाया था । और अन्तमें मोश 1
SR No.010403
Book TitleMahavira Bhagavana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages309
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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