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अवशेष तार्यकर। पद पाया था। चिन्ह हिरनका है। चौथे सनत्कुमार चक्रवर्ति आपके पहिले हो चुके थे।
(१६) सत्रहवें तीर्थकर कुन्थुनाथका जन्म स्थान भी हस्तिनागपुर था। पिताका नाम सूर्या और माताका श्रीदेवी था। आप क्रमसे छटे चक्रवर्ति भी थे। महान प्रतापी धर्मरत्न थे। चिन्ह वफरेका है।
(१७) अरहनाथजी अठारवें तीर्थकर भी चक्रवर्ति थे। आपके पिता हस्तिनागपुरके राजा सुदर्शन थे । और माताका नाम मित्रा था। सम्मेदशिखरसे मोक्ष गए थे । चिन्ह मछलीका है।
(१० १९ वें तीर्थकर मल्लिनाथजी थे। आपके पिता मिथुलापुरी (मथुरा) के राजा कुम्भ थे। और माता रानी रक्षता थीं। सम्मेदशिखरसे मोक्ष गए थे। चिन्ह नन्द्यावर्त कलशका है। इनके मध्य समयमें ८ वें चक्रवर्ति सुभूमि हुए। आरके पिता कीर्तिवीर्य और माता तारा थीं। इनने परशुराम क्षत्री शत्रुको मारा था।
(१९) वीसवें तीर्थकर मुनि सुव्रतनाथजी थे। कुसाग्र व राजगृह नगरके अधिपति सुमित्र रानाके पुत्र थे। मानाका नाम पद्मावती था। आपके पहिले ९३ चक्रवर्ति राजा महापद्म हो चुके थे। यह हस्तिनापुरके राजा पद्मरथ रानी मयूरीके पुत्र थे। इनकी आठों पुत्री आर्यिका होगई थी। श्री मुनिसुवतनाथजी शिखरजीसे मुक्त हुए थे। चिन्ह कछवेका है।
(२०) २१ वें तीर्थकर नमिनाथ भगवान थे। आपका जन्म मिथुलापुरीके राना विजय और रानी विमाके गृहमे हुआ था। १० वें चक्रवर्ति राजा हरिषेण कपिलामें आपके पहिले हो चुके