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कैसे माँगें ?
( ५६ )
शीला
राकेश
वह जो ठाकुरद्वारा है, वहाँ चलो। हाथ जोड़ो, आँख मूँदो ।
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तब रामजी से जो कुछ माँगोगे, मिल जायगा ।
शीला
मैं तो अपनी गुड़ियों के लिए कपड़े माँगूँगी और अपने लिए
अच्छी साड़ियाँ |
गहने नहीं माँगेगी तू ?
राकेश
शीला
गहने तो अम्मा कहती हैं, ससुराल से मिलेंगे मुझे।
सतीश
मैं तो रुपए माँगूँगा खूब । रुपए से मिठाई, फल- कपड़े सभी
मिल जाते हैं ।
शीला
कब चलोगे ठाकुरद्वारे ?
राकेश
उस समय चलना जब कोई न देखे । किसी ने देख लिया तो फिर रामजी कुछ न देंगे ।