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( ५७ )
शीला
भैया, तुम क्या माँगोगे राम जी से ?
राकेश
मैं? मैं तो यही माँगूगा कि हमारे बाबू जी को अच्छा कर अच्छे हो जायेंगे तो हमारे लिए मिठाई, कपड़े
दो । वे
सभी कुछ ले यँगे ।
[ सतीश और शीला दोनों राकेश की ओर देखते हैं । पश्चात्, दोनों एक दूसरे की ओर देखते हैं ।]
शीला
( कुछ सोचती हुई ) ठीक है भैया, मैं भी यही मागूँगी ।
सतीश
चलो, चलो, मैं भी यही मागूँगा ।
[ तीनों जाते हैं ।]