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सतीश (बान शीला के कान के पास मुँह करके ) कितने अच्छेअच्छे खिलौने हैं इसके पास !
शीला
अच्छे तो हैं, पर ये टूट बहुत जल्दी जाते हैं ; बाबू ' जी ने उस दिन कहा था। याद है ?
सतीश याद है । कहा था-किताबों की अच्छी-अच्छी तसवीरें देखा करो हर रोज।
शीला यह भी तो कहा था कि तसवीर देखनेवाले लड़के राजा होते हैं।
सतीश हाँ, कहा था । मुझे तो वे राजा भैया पुकारते भी है।
[इसी समय हरी गस खड़े लड़के को बूढ़े पर ढकेल देता है और स्वयं फुर्ती से पीछे हट जाता है। गिरनेवाले लड़के को बूदा झकझोर देता है । शीला और सतीश बात करना बंद करके खिलौनेवाले की तरफ देखते हैं। ]
हरी ( बनावटी क्रोध करके ) किसने धक्का दिया था इस बच्चे