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प्रत्येक वनस्पति १० ला०, दो इन्द्रिथ २ ला०, तीन इन्द्रिय २ ला०, वार इन्द्रिय : २ ला०, पंचेन्द्रिय, पशु ४ ला०, मेनुष्य १४ लाख, : नरक ४ ला०; देव ४ लाख, इस प्रकार ८४ लाख भेद हैं।
. कुलकी, अपेक्षा जीवोंके भेद
२२ लाख कुल कोडि
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पृथ्वीकाय)
7 जलकाय - .
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वायुकाय
तेजकाय
" वनस्पत्तिकाय
दो इन्द्रिय ... तीन इन्द्रिय
चार इन्द्रिय
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मनुष्य
नारक देव
जीव और कर्म- विचार ।
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• पंचेन्द्रिय जलवर
पंचेन्द्रिय नभचर
7. पंचेन्द्रि स्थलचर सर्प
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- १६६लांस फुल फोट
. जीव के परिणामोंकी पहिचान गुणस्थानोंकी परिपाटीले जानी'
जाती हैं। जीवोंके परिणाम ही गुणस्थान है । गुणस्थानके