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________________ ८६ ] प्रत्येक वनस्पति १० ला०, दो इन्द्रिथ २ ला०, तीन इन्द्रिय २ ला०, वार इन्द्रिय : २ ला०, पंचेन्द्रिय, पशु ४ ला०, मेनुष्य १४ लाख, : नरक ४ ला०; देव ४ लाख, इस प्रकार ८४ लाख भेद हैं। . कुलकी, अपेक्षा जीवोंके भेद २२ लाख कुल कोडि ** ७ 45 } पृथ्वीकाय) 7 जलकाय - . 17 41 वायुकाय तेजकाय " वनस्पत्तिकाय दो इन्द्रिय ... तीन इन्द्रिय चार इन्द्रिय F मनुष्य नारक देव जीव और कर्म- विचार । 1 • पंचेन्द्रिय जलवर पंचेन्द्रिय नभचर 7. पंचेन्द्रि स्थलचर सर्प 1 J w " ל , *. ३ C २८ - १२ १२ १ A भ डॉ ॐ 1 7 18 १४ २५. y - १६६लांस फुल फोट . जीव के परिणामोंकी पहिचान गुणस्थानोंकी परिपाटीले जानी' जाती हैं। जीवोंके परिणाम ही गुणस्थान है । गुणस्थानके
SR No.010387
Book TitleJiva aur Karmvichar
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages271
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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