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________________ ८४ ] जीव और कर्म- विचार । यो जन्म होते ही दौडनेकी या भागने की क्रिया कर सके उसे पोत जन्म कहते हैं । जीवभेद पृथ्वी काय के भेद-सूक्ष्म पृथ्वीकार्य, चादर पृथ्वीकाय । सूक्ष्म पृथ्वीकायके भेद - पर्याप्तक, अपर्याप्तक, लव्धअपर्याप्तक । वादर पृथ्वीकायके भेद - पर्याप्तक, अपर्याप्तक, लव्ध अपर्याप्तक इस प्रकार पृथ्वोकायके जीवोंके सामान्य द्द भेद हैं । 2 इसी प्रकार अपकाय, तेजकाय, घायुकायके जीवोंके छंद छह भेद होते हैं । अवकायके भेद-मुक्ष्म अपकाथ, बाद अपकाय, सूक्ष्म और बादर अपका प्रत्येक भेदके पर्याप्तक १, अपर्याप्तक २, लब्ध अपर्याप्त इस प्रकार छह भेद हैं। तेजकायके सूक्ष्म वादर और दोनोंके पर्याप्त अपर्याप्तक लव्धअपर्याप्तक इसप्रकार छंद मेद हैं । 1 f 15 वायुकाय के भेद - सुक्ष्म वायुकाय, चादर वायुकाय । सूक्ष्मवायुके भेद - पर्याप्तक, अपर्याप्त, लब्ध अपर्याप्तक वादर वायुकाय के भेद - पर्याप्त, अपर्याप्तक, लव्ध अपर्याप्त इस प्रकार पृथ्वीकाय अपकाय तेजकाय और बायुकायके भेद २४ हैं । • वनस्पतिकायके भेद - साधारण वनस्पति, प्रत्येक वनस्पति । साधारण । धनस्पतिके दो भेद नित्य निगोद, इतर निगोद । साधारण सूक्ष्म निस्यतिगोद वनस्पतिकाय के भेद - पर्याप्त, अपर्याप्त, लग्ध अपर्याप्त सूक्ष्म साधारण इतर के भेद - पर्याप्त, अपर्याप्त, लधअपर्याप्त " t वनस्पतिकाय इस प्रकार (
SR No.010387
Book TitleJiva aur Karmvichar
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages271
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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