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प्रकार किया गया है जैसे लोहे में आग। हिन्दू धर्म में धर्म की धारणा शक्ति आत्मा में ही मानी जाती है। जैनेन्द्र जैन धर्म की स्याद्वादी विचारधारा के प्रभाव के कारण ही विविध धर्मों की अनेकता को मिटाने के पक्ष में नहीं हैं। हिन्दू धर्म, इस्लाम धर्म, ईसाई धर्म सब सत्य हैं। मानव जीवन के लिए धर्म एक महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने अपने उपन्यास और कहानियों में ऐसे लोगों का चित्रण किया है, जिन्हें धर्म का कोई ज्ञान नहीं; न कोई जानने की जिज्ञासा है। 'विवर्त', 'कल्याणी', 'अनन्तर' आदि उपन्यासों में अर्थ और काम दोनों को प्रमुखता देने वाले व्यक्तियों का वर्णन किया गया है। 'अनन्तर' में जया अति भौतिकता से घबड़ाकर ही शान्ति-धाम की स्थापना करती है। उसके अनुसार जीवन भोगाभिमुख होता जा रहा है। उसने संकल्प बाँधा है कि इस गिराव को रोकना होगा, जीवन को उसकी सही धुरी पर फिर से निष्ठ और प्रतिष्ठ करना होगा। मानव जीवन में धर्म का उद्देश्य मोक्ष भी है। जैनेन्द्र ने 'समय और हम', 'प्रश्न और प्रश्न' से मोक्ष को सफर (यात्रा) मानकर अपने विचारों को व्यक्त किया।
ग्रामीण संस्कृति
___ भारत वर्ष के अधिकांश लोग गाँव में निवास करते हैं। कृषि कर्म से सम्बन्धित होने के कारण उन्हें कृषक भी कहा जाता है। कृषकों का सीधा-सादा पवित्र हृदय मनुष्य का मन जीत लेता है, परन्तु पता नहीं क्या कारण है कि हमारे कथा साहित्यकारों की अभिरुचि उनके रहन-सहन, खान-पान, आचार-विचार, आदर्श और वैचारिक दृष्टिकोण की ओर नहीं रही, जिससे वह अपने कथा साहित्य में जन सामान्य को प्रतिष्ठित करने में असफल रहे। ग्रामीण जीवन का
18. जैनेन्द्र कुमार - मंथन, पृष्ठ - 85 19. जैनेन्द्र कुमार - अनन्तर, पृष्ठ -56
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