SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 369
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विविध ३४७ हुई हैं। एक मूर्ति श्रीनेमिनाथजीकी ३० फुट ऊँची है और दूसरी आदिनाथकी मूर्ति उससे भी विशाल है । लश्कर और ग्वालियर में लगभग २५ दिगम्बर जैन मन्दिर हैं जिनमेंसे अनेक मन्दिर बहुत विशाल हैं । सोनागिरि - ग्वालियर - झाँसी लाइनपर सोनागिर नामका स्टेशन है, उससे लगभग २ मील पर यह सिद्ध क्षेत्र है । वहाँ एक छोटी-सी पहाड़ी है। पहाड़ पर ७७ दिगम्बर जैन मन्दिर हैं, जिनकी वंदना || मीलका चक्कर पड़ता है । यहाँसे बहुतसे मुनि मोक्ष गये हैं! तलहटीमें चार धर्मशालाएँ और १७ मन्दिर हैं । यहाँ एक विद्यालय भी स्थापित है । अजयगढ़ —यह अजयगढ़ स्टेटकी राजधानी है। इसके पास ही एक पहाड़ है, उसपर एक किला है । उसकी दीवारोंकी दो शिलाओं में लगभग २० दिगम्बर जैन मूर्तियाँ उकेरी हुई हैं । पास में ही तालाब हैं। उसकी भी दीवार में बहुत-सी प्राचीन प्रतिमाएँ हैं, जिनमें से एककी ऊँचाई १५ फुट और दूसरीकी १० फुट है। एक मानस्तम्भ भी है। उसमें भी अनेक मूर्तियाँ बनी हैं। खजराहा–पन्नासे छतरपुरको जाते हुए २१वें मीलपर एक तिराहा पड़ता है, वहाँसे खजराहा ७ मील है । यह छोटा-सा गाँव है । दो धर्मशालाएँ हैं । यहाँ इस समय ३१ दि० जैन मन्दिर हैं । यहाँके मन्दिरोंकी स्थापत्यकला दर्शनीय है । द्रोणगिरि - छतरपुर से सागर रोडपर ४० मील सादनवाँ है वहाँसे दाहिनी ओर कच्ची रोडसे ६ मीलपर संधपा नामका गाँव है । गाँव के पास ही एक पर्वत है जिसे द्रोणगिरि कहते हैं । यहाँसे गुरुदत्त आदि मुनि मोक्षको गये हैं। पहाड़पर २४ मन्दिर हैं । प्रतिवर्ष चैत सुदी ८ से १४ तक मेला भरता है । नैनागिरि – यह क्षेत्र सेन्ट्रल रेलवेके सागर स्टेशनसे ३० मील पर है । गाँव में एक धर्मशाला और ७ मन्दिर हैं । धर्मशाला से २ फलांगपर रेसन्दी पर्वत है, यहाँसे श्रीवरदत्त आदि मुनि मोक्ष गये हैं। पर्वतपर २५ मन्दिर हैं । एक मन्दिर
SR No.010347
Book TitleJain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year1966
Total Pages411
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy