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जनागमन्यायसंग्रहः
सं० - अहवा चरिमसमय० अचरिम समय० अहवा वायरसंपराय
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सरागसंजमे दुविहे पं० तं० - पडिवाति चेव पडिवाति चेव, बीयरागसंजमे दुविहे पं० तं० उवसंतकसायवीयरागसंजमे चैव खीणकसायवीयरागसंजमे चेव उवसंतकसायवीयराग संजमे दुविहे पं० तं० - पढमसमयउवसंतकसायवीतरागसंजमे चेव, अपढमसमयउव०, अहवा चरिमसमय० चरिमसमय ०, खीकसायवीतरागसंजमे दुबिहे पं० तं० - छउमत्थखीणकसाय वीयरागसंजमे चैव केवलिखी कसायवोयरागसंजमे चेब, छउमत्थखीण कसायवीयरागसंजमे दुविहे पं० तं० सयंबुद्ध छउमत्थखी कसाय० बुद्धवोहियछ उमत्थ०, सयंबुद्धछ उमत्थ० दुविहे प० तं ० -- पढमसमय० अपढमसमय०, हवा चरिमसमय ० अचरिमसमय०, बुद्धवोहियछरमत्थखीण० दुविहे पं० तं०पढमसमय० अपढमसमय०, हवा चरिमसमय० चरिमसमय०, केवलिखीएकसायवीतरागसंजमे दुविहे पं० तं० - सजोगि केव लिखी एक साय० सजागिकेवलिखी एकसाय संजमे दुविहे पं० तं०- पढमसमय ०
जोगिन लिखी एक सायवीयराग०,
पदमसमय० अहवा चरिमसमय० श्रचरिमसमय ०,
अजोगि
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केवलिखी एक साय०
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संजमे दुविहे पं० तं० - पढमसमय ०
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