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जैन तीर्थयात्रादर्शक। [२७
(३८) रींगस । स्टेशनपर एक धर्मशाला है । गांव २ मील है। १ मंदिर व कुछ घर जैनियोंके हैं । गाड़ी बदलकर सीखर शहर जावे ।
(३९) सीकर शहर । स्टेशनसे १ मीलकी दूरीपर दीवानजीकी नशियांमें उतर जाना चाहिये । यहांपर मंदिर, कुआ, बानार नजदीक है । शहर अच्छा साफ है। त्यागी पं०महाचंदनी नामी धर्मात्मा यहींपर होगये हैं । उनके बनाये हुए सामायिक पाट आदि अनेक ग्रन्थ उनकी कीर्तिको दर्शा रहे हैं । पंडितनी बड़े तपस्वी और विद्वान थे ।
यहांपर एक चैत्यालय और १ नशियां है। एक बड़ा मंदिर है। जिसमें २ प्रतिमा चांदीकी, २ स्फटिकमणिकी, १ मुंगा लाल वर्णकी छोटी विराजमान हैं। यहांपर राजाका महल बाग देखने योग्य है। आगे यहांसे रास्ता रामगढ़ आदि मारवाडको जाता है। लौटकर रोंगच आनेमें बीचमें अंमधुपुर पड़ता है । ये भी अच्छा कस्वा है । जैन मंदिर और दि. नैन वस्ती अच्छी है। रींगचसे रेल रेवाड़ी होकर देहली जाती है।
(४०) रेवाड़ी। स्टेशनसे २ मील शहर है। १ मंदिर नसियामें है । दि. जेन घर बहुत हैं। यहांसे एक रेल बांदीकुई होकर जयपुर होकर फुलेरामें जाकर मिलती है । एक देहली जाकर मिलती है । अब फुलेरासे बांदीकुई होकर जयपुर जाती है।
(४१) जयपुर। स्टेशनसे १ मीलकी दूरीपर दिवान सा को धर्मशाला है।