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जैन तीर्थयात्रादर्शक। सरोका और सागोद ग्राम है। यहां प्राचीन कालकी प्रतिमा हैं । सो कुछ कष्ट उठाकर यहांका भी दर्शन कर लेना चाहिये । फिर छापुर स्टेशन कौट आना चाहिये । फिर १) रुपया देकर टिकट कोटा अंकसनका लेलेवें।
(२३) कोटा। स्टेशनसे शहर एक मील है। कोटासिटीसे ५ मील पड़ता है । शहरमें एक दि० जैन धर्मशाला, पाठशाला और ११ बड़ेर कीमती मंदिर हैं। जिनमें प्राचीन और नवीन मैकड़ो प्रतिमा विराजमान हैं। दि. जैनियोंके घर बहुत संख्यामें है। शहरसे कुछ दूर नशियानी है। वहांपर मंदिरनी और प्राचीन प्रतिमा है। सबका दर्शन करे, कोटाका नरेश छत्रधारी राजाधिरान है । शहर चौतरफ कोट खाई, परकोटासे घिरा है । प्राचीन ढंगका बहुत रमबीक है। यहांका राजमहल, फौन पलटन, बाग, तोपखाना, तालाव, अनायवघर आदि देखने योग्य हैं। यहांसे बून्दी शहरका १) सवारी मोटर तांगा लेता है। वहां अवश्य जाना चाहिये क्योंकि हर समय माना नहीं होता है।
(२४) बूंदी। इसका हाल कहां तक लिखियेगा। यह एक बड़ा प्राचीन और प्रसिद्ध शहर है। कोटाके समान इसके चारों तरफ बड़ा भारी कोट और वस्वाजे हैं। शहर राजाप्ता का अवश्य देखने काबिल है।हर बड़े और विशाल बहुत मंदिर हैं। हमारो प्रतिमाएं तथा बहुत घर जैनियोंके हैं। एक पाठशाला व धर्मशाला है। हां एक पावमीको साथ लेकर बाग, तागव, फोन, मायुषशाला