________________
जैन तीर्थयात्रादर्शक। और राजमहल, अनायबगर आदि देखना चाहिये । फिर यहांसे लौटकर कोटा आवे, कोटासे ४ रेलवे लाईन जाती हैं। एक नागदा रतलाम, दूसरी बीना, गुना, इटावा. १ मथुरा तक व एक दूसरी लाईन जाती हैं। फिर कोटासे टिकटका II) देकर स्टेशन वारां जावे।
(२५) श्री अतिशय क्षेत्र बारां। यहींपर भगवान कुन्दकुन्द स्वामीकी समाधि भी है । शहर स्टेशनसे ननदीक है, १ प्राचीन मंदिर और धर्मशाला है। नैनियोंके घर अच्छे हैं, यहांके जन्मरईसी जंगलमें धर्मतीर्थ के कर्ता श्री कुन्दकुन्द स्वामीने समाधिमरण धारण करके देह त्यागी थी। यहांपर एक क्षत्रीय चरणपादुका है, विशेष कुन्दकुन्द चरित्रसे जानना । यहांसे यात्रा करके लौटकर कोटा आवे, फिर टिकटका 112) देकर आगे केशवनी पाटन स्टेशन उतर जाना चाहिये । यहांसे एक लाइन गुना बीना तक, ? रतलाम, व १ मथुरा तक जाकर मिलती है।
(२६) अतिशयक्षेत्र केशवजी पाटनगांव। .
यह एक छोटा ग्राम है। यहांपर एक बहुत कीमती और प्राचीन जिन मंदिर है। मुनिसुव्रतनाथकी प्रतिमा सात हाथ ऊंची प्राचीन कालकी विराजमान है। महावीरस्वामीका समवशरण वहां पर बहुत बार भाया था । इसलिये यह भतिक्षयक्षेत्र प्रसिद्ध हुना है। यहांकी यात्रा करके स्टेशन लौट बावे। फिर एक रूपया १) देकर टिकट सवाई माधोपुरका लेवे । वहांपर उतर गारे, स्टेशनसे २ मीलपर चमत्कारनी (बालीनपुर) नाना पाहिले।