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________________ जैन तीर्थयात्रादर्शक । [ १९३ कुसुंबा गांव - यह ग्राम अच्छा है । १ मंदिर व २० घर जैनियोंके हैं | यहांसे १४ मील धुलिया शहर पड़ता है । ( ३२७ ) धूलिया शहर । यह बड़ा भारी है। कपड़े रुईके कारखाने हैं। देखने काचिक है । १ मन्दिर है और राम सा० सेठ हीरालाल गुलाबचन्द्रजी सज्जन एवं धन पुरुष हैं । २५ घर जैनियोंके हैं। स्टेशन से २ मील दूर शहर पड़ता है । यहा से १ रेलवे चालीसगांव जाकर मिलती है । टिकट || ) है । यहांसे मांगीतुंगी ६० मील पड़ता है । मोटर या बैलगाड़ी से जाना पड़ता है । यहांसे एक रास्ता मालेगांव जाता है । ३२ मीलकी पक्की सडकपर १1) में मोटरवाला लेजाता है । यहां मांगी तुंगी, नाशिक, मनमाड जाकर मिलना चाहिये । हाल ऊपर देखो | अब यहां ११) देकर बीच में चालीसगांव गाड़ी बदलकर मनमाड जाना चाहिये । चालीसगांव से आगेपीछे का भी हाल उपर ही लिखा जाचुका है । मनमाडमे १) टिका देकर I हैद्राबाद निनाम रेलवेमे परोड़ा या दौलताबाद जाना चाहिये । ( ३२८ ) एरोला रोड, (दौलताबाद स्टेशन ) । यहांसे बैलगाड़ी भाडे करके ९ मील दूर दोनों स्टेशनोंसे एरोला ग्राम जाना चाहिये । पक्की सड़क है । कोई भाई की हिम्मत हो तो पैदल भी जासकते हैं । तांगा भी जाता है । 1 ( ३२९ ) एरोला ग्राम ( गुफाओंकी यात्रा ) । एरोला ग्राम छोटा है। मगर प्राचीनकालमें बहुत बड़ा शहर था । ग्रामके आसपास प्राचीन चीजें देखने योग्य हैं। इसी ग्रामके नजदीक तालाव है। आगे १ लाल पत्थरका खुदाई का लाखों रुप १३
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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