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जैन तीर्थयात्रादर्शक। [१९१
(१२३) सटाना। यह ग्राम भी अच्छा है। ४ घर दिनैनियोंके व १ मंदिर भी है। यहांसे १४ मील मांगीतुंगी पड़ता है। यह बात याद रखना चाहिये कि नाशिकसे जाने-मानेमें यह ग्राम बीचमें पड़ता है । यहांसे १ सड़क नाशिक तरफ जाती है। उमीके बीचसे १ सड़क फूटकर बम्बई तक जाती है। एक मालेगांव होकर मनमाड़ जाती है।
(१९४) श्री सिद्धक्षेत्र मांगी-तुंगी। यह क्षेत्र जंगलमें है । चारों तरफ पहाड़ है। १ नदी, कुमा, धर्मशाला, व ३ मंदिर रमणीक हैं। मुनीम, पुनारी, नौकर रहता है । ग्राम छोटामा है। शौचादिसे निवटकर द्रव्य व मालीको साथ लेकर पहाड़ पर जाना चाहिये । पहाड माल है। सिर्फ १ मीलकी चढ़ाई कठिन है। मीदियां लगी हैं। गस्ता मकरा है। बड़े शांतभावसे एवं धीरे २ चढ़ना चाहिये। उ.पर पहिले मांगीका पहाड़ आता है। उ.पीमें पहाड काटकर ५ बड़ी ; गुफाएं बनाई गई हैं। गुफाओं व परिक्रमा बहुत प्रतिमा उकेरी हुई हैं। पानीका कुंड, व २ छत्री है । एक कृष्ण व दुमरी बलभद्रकी मूर्ति है। यहांका दर्शन पूनन, परिक्र । करके माधी दूर नीचे भाना चाहिये। फिर यहांसे तुंगीका पहाइ १ मील दूर है । चढ़ाव कठिन है। इससे सावधानीमे पैर रखना चाहिये। १ गुफा, १४ प्रतिमा, व २ चरण पादुका हैं। दर्शन, पूजन, प्रक्षाल, परिक्रमा करके लौट माना चाहिये। आधा नीचे आने बाद, नीचे आनेका दूमरा रास्ता है। यह भी रास्ता विकट , सापवानीखे उतरना चाहिये । बीचमें