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जैन तीर्थयात्रादर्शक। [१८७ एक रेल बम्बई जाती है। टिकट २॥) देकर बम्बई जाना चाहिये ।
(१५) बम्बई शहर। यहांकी स्टेशनोंके नाम बोरीबंदर, दादर, चर्नीरोड, ग्रांटरोड, कोलाबा, परेल आदि छोटी-बडी लाइन के बहुत स्टेशन हैं । चाहे जहांपर उतर पड़े। मगर तांगेवालेसे किराया ठहराकर दि० जैन धर्मशाला हीराबाग, या सुखानन्द गुरुमुखरायकी धर्मशालामें ठहरे। १ मंदिर भृलेश्वरमें, १ गुलालवाडीमें तारदेव, १ श्राविकाश्रम, १ बोर्डिंगमें, १ चौपाटीपर सेठ माणिकचंद्रनीके बंगले में, १ पामही डाह्याभाइके बंगलेमें, १ सौभागचंदके बंगलेपर, कुल ७ मंदिर हैं। भूलेश्वर, गुलालवाड़ी तथा सेठनीके चैत्यालयमें २-२ प्रतिमा स्फटिकमणिकी हैं। सो सबका दर्शन करे । ग्रांटरोड, बोरीबंदर, मूलेश्वर, गिरगांवकी तरफ बाजार अच्छा है । ऐसे तो बम्बई सबसे मच्छा शहर है, सभी देखने योग्य है। फिर रानीबाग, नौहरीबाजार, चिड़िया घर, चौपाटी समुद्र, हेगिंग गार्डन, म्यूजियम, कपडाकांच का कारखाना, टंकशाल, बोरीबंदर स्टेशन देखने योग्य हैं, देखना हो सो देख लेवे । लौटकर स्टेशन मानावे । रेलवे हरसमय चारों तरफ जाती है। जहांको जाना हो वहांकी टिकट लेकर रेलवेको खोजकर बैठ जावे । बम्बई में बिजलीक दामवे चलती है, उसमें बैठकर घूमना चाहिये। हर जगहका -) लगता है। सबसे बड़ा स्टेशन बोरीबंदर है। वहांपर जाकर टिकटका १॥) देकर नाशिकका लेलेना चाहिये ।
(३१६) नाशिक शहर । स्टेशनपर हरसमय मोटरवस व तांगा मिलते हैं। फी भादमी ७) दामका लेकर मील दूर शहरमें अम्बक दरबामा दि. मैन