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जैन तीर्थयात्रादर्शक |
छोटी लाईनसे कांचीवरम् जाना चाहिये । ( २५४ ) कांचीवरम् ।
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स्टेशन से १ मील दूर शहर है। यहांपर शहरके ३ भाग होगये हैं । १ शिव कांची, २ वैष्णव कांची, ३ जैन कांची१, शिव कांची- यहां पर एक धर्मशाला व बड़ा लम्बा चौड़ा शिवका मंदिर है । बीचके मंदिर में सोने चांदीके काम सहित महादेवकी बड़ी भारी पिंडी है । मंदिरके चारों तरफ हजारों महादेवकी पिंडी हैं । एक बड़ा तालाव व दरवाजा हैं । इसके बाहर भंडार में पीतल के बड़ेर हाथी, घोडा, सर्प, विमान आदि देखनेयोग्य हैं । इस मंदिर के आस-पास १ मील तक मकान व सैकड़ों मंदिर, छोटे बड़े हाथी-घोड़ा, गाडी, ऊंट व बड़े२ नादियां हैं । इस स्थानका नाम शिव कांची कहते हैं। यहां शिवजीका राज्य है। याने शिव मूर्तियां खूब हैं। यहांसे १ मील वैष्णव कांची है ।
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२, वैष्णव कांची- यहांपर १ बड़ा भारी दरवाजा है। बाजार भी है। आघ मील तक वैष्णव भगवानके मंदिर हैं। हाथी-घोडादिकी रचना बहुत है । आगे १ बड़ा भारी मंदिर है । जिसमें स्वर्ण - चांदी का काम खुब है । उसमें मूर्ति विष्णु भगवानकी है । आसपास में बहुत मूर्तियां हैं | यह मंदिर ऊंचा व पूर्व-पश्चिम द्वारवाला है। मंदिर कीमती है। उक्त दोनों जगहकी यात्रा करके रामेश्वर भी आ जासकते हैं । यहांसे २ मील जैन कांची है । ३, ,जैनकांची - यहांपर कोटसे घिरा हुआ मंदिर है । उसके 1 भी ठहरनेको मकान है। दोनों तरफ दरवाजा है। भीतर एक बड़ा भारी मंदिर है। यहां पर बड़ी भारी मूर्तियां हैं। यहांपर