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१०८] जैन नीर्थयात्रादर्शक। यह शहर हालमें बड़ा है, मार पुगना है । एक धर्मशाला कुल ७ मंदिर और देहरिया चरण पादुका हैं । वेगवोंके राम लक्ष्मणके सकड़ों मंदिर हैं। उनमें बहुत मंदिर देखनेके काबिल हैं । यहां लाल बंदर बहुत हैं । हरएक समानको उठाकर ले जाने और नुकसान करदेते हैं । इसलिये सामान संभालकर रखना चाहिये । कोई लोग बंदरोंको चना, जलेबी आदि ग्विलाने हैं। यात्रियोंकी इच्छा हो तो कुछ खिला देना चाहिये । यहांकी यात्रा करके 2) सवा. रीमें फैनाबाद शहर देखना हुआ स्टेशनपर आनाय । अयोध्यासे फैजाबाद का ।-) लगता है और फैजाबाद देखनेको भी नहीं मिलता है । इमलिये तांगासे आना चाहिये ।
(१८८) फैजाबाद। म्टेशन बड़ा भारी है । अयोध्या, बनारम, मुगलसरायको रेल जाती है । १ मोहावल, लग्वनउ, प्रयाग, इलाहाबाद जाती है टिकट १॥ ) है ।
(१८९) प्रयाग । म्टेशनसे ३ मील दूर है, II) सवारीमें नांगावाला ले जाता है । यहांपर १ किला है, भीतर जमीनमें भोग है, भोइरामें बड़ी मूर्तियां शेव ले गोंकी हैं। एक आलेमें २ प्राचीन प्रतिमा आदीश्वर भगवानकी हैं । एक ववृक्ष है, निमको प्रयाग वरवृक्ष कहने हैं। इसी स्थानपर भगवान ऋषभदेवका तप-कल्याणक हुआ था। इसलिये यह स्थान परमपवित्र तीर्थरान कहाया है। किला बहुत बड़ा है, बहुतसी चीजें हैं । सो एक आदमी साथ लेकर सब देखना हिये । किलेके बाहर गङ्गा, जमना, सरस्वती ये तीन नदियां