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जैन तीर्थयात्रादर्शक। [१०७
(१८६ ) सरयू नदी घाट । यहांसे १ रेलवे फैजाबाद जाती है, ६ मीलका ) लगता है। १ रास्ता माघ मील अयोध्यानी जाता है।
(१८७) अयोध्या नगरी । कौशल्या, साकेता, अपरानिता, विदेदा इत्यादि नाम भी हैं, यहां बानेका राम्ता मोगलसराय, लखनऊ, बड़ो लाइनसे है । एक मोगलसराय बनारससे लखनऊ आने समय अयोध्या पडती है । पहिले अयोध्या पड़ती हे मो अयोध्याकी यात्रा करे। बादको फेनाबाद । आगे सोहाबल जाना चाहिये। और लखनऊमे आनेवालोंको सोहाबलकी यात्रा करके पीछे फैनाबाद अयोध्या जाना चाहिये । दूसरा रास्ता लखनऊ बाराबकीमे सरज़ उतरकर नावसे अयोध्या घाट उतर कर अयोध्या जाना चाहिये । तीसरा रास्ता मनकापुरसे भानेवाले अयोध्या घाट उतर कर अयोध्याकी यात्रा करें। फिर फैजाबाद सोहावल नाना चाहिये फनाबाद भी उतरकर ) सवारीमें अयोध्या जाना होता है । अयोध्या स्टेशन उतरकर -) सवारीमें दि. जैन धर्मशालामें आना चाहिये । अयोध्या नगरी जिनागमके अनुसार अनादि कालसे अनंतानत तीर्थंकरोंकी उत्पन्न करनेवाली पवित्र भूमि है । परन्तु इम हुंडावसर्पिणी के प्रभावमे हालमें अयोध्या ऋषभादि पांच तीर्थकर और राम ल मणने ही जन्म धारण किया । भरत आदि चक्रवर्तीयों की भी यही मातृभूमि है । अनादि कालसे यही रीति है २४ चौवीस नीर्थकर अयोध्या में जन्मे और सम्मेदशिखरसे मोक्ष गये, पर इम कलिकालके चक्रसे भगवानाका अन्य स्थानमें जन्म हुमा । अन्य स्थानसे मोक्ष गये।