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जैन तीर्थयात्रादर्शक। [१०९ हैं। यहांपर हनारों अन्यमती यात्री दान म्नान तर्पणादिक करने आते हैं । फिर यहांसे ।।) सवारीमें इसा करके इलाहाबाद आना चाहिये । यहाँपर अनेक व मग पण्डे हैं उनसे बचना चाहिये । इलाहाबादमें ननियोंके ५० घर ४ मन्दिर और ३ चैत्यालय है। यहाँका दर्शन करके चाहे निम तरफ चला जाये । फैजाबादसे १ मील स्टेशन पड़ता है । शहर बादशाही ममयका देखने काबिल हैं। बाजार अच्छा है। १ दि. जैन मन्दिर और कुछ घर ननियोंके हैं । यहांमे अयोध्या आदि जाने को तांगा सम्ता मिलता है, फिर स्टेशन आवे | 2) देवर लम्बनस, लेनमें सोहाचल, उतर पड़े।
(१२० ) अयो-या स्टेशन । स्टेशनपर १ धर्मशाला है, फिर यहांसे -) सवारीमें बेलगाड़ी, हाथगाड़ीमे दि. जैन धर्मशालामें जाना चाहिये । १॥ मीलके करीब पड़ती है। यहांपर ब्राह्मण पण्डा बहुत रहते हैं। सो यात्रियों को हम नेन हैं' कह देना चाहिये। अयोध्यानीकी यात्रा करके फिर स्टेशन आवे । वहींसे एक रेल बनारस, मोगलसराय नाती हैं । एक फैजाबाद, सोहावल लखनऊ जाती है। यहांसे टिकटका ।) देकर सोहावलका लेवें। और लखनऊका ११) लगता है । बनारसका २) और मोगलसरायका २२) है । फैजाबादसे प्रयागका १॥) टिकट, इलाहाबादका १m) टिकट किराया उगता है।
(१९१) सोहावल । स्टेशनसे १ मील उत्तर दिशामें सड़क है । एक मील कच्चा रास्ता है । सो पूछकर नौराई जावे ।