________________
७६ ]
जैन तीर्थयात्रादर्शक |
है। पक्की सड़क है। बांदा, क्षत्रपपुर, सागर लाईन में सेधपा मलारा गांवसे रास्ता फुटकर सिद्धक्षेत्रको जाता है सो पूछते जाना चाहिये । बीचके उपरोक्त गांवों में दि०जैन घर और मंदिर हैं । नैनापुर सेंदपा ३० मील दूर पड़ता है ।
(१२५) नैनागिर सिद्धक्षेत्र ।
समवशरण श्री पार्श्वजिनन्द, रेसंदीगिर नैनानन्द | वर दत्तादि पंच ऋषिराज, ते बंदौ नित धरम जिहाज || १ || यहां पर एक धर्मशाला है, पहाड छोटा जमीन बराबर है, १ तालाव है, तालावके बीच में १ मंदिर है, २ कुआ, जंगला हैं, कुल ४० मंदिर हैं, परकोटा-दरवाजा है, यहांसे दर्शन करके एक आदमी साथ लेकर सेधपा सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरजी जावे । इसका हाल ऊपर लिख दिया है ।
( १२३ ) द्रोणगिर सिद्धक्षेत्र ।
फलहोड़ी बड़गांव अनृप, पश्चिम दिशा द्रोणगिरि रूप । गुरुदत्तादि मुनीश्वर जहां, मुक्ति गये बंदौ नित तहां ॥ १ ॥
यह एक छोटासा गांव है, नदी वहती है, २ दि० धर्मशाला और १ मंदिर ग्राममें हैं, थोड़ी दूर पहाड़ हैं, आघमीलका सरल चढाव है, सीढ़ी बनी हुई हैं, पहाड़पर २२ मंदिर और १ गुफा है | यहांकी यात्रा करके एक मोटर, बैलगाड़ी या पांवसे सागर व्याजावे | यहांसे ४५ मील छत्रपुर भी जाना होता है, बीचमें मलारा गांव पड़ता है, फिर भगवा हटापुर आदि होता हुआ ३० मील जंगलके रास्ते अतिशयक्षेत्र पपौराजी होकर टीकमगढ़ महरौनी होकर ललितपुर तक | मोटरसे टीकमगढ़से ||I) सवारीमें