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६८] जैन तीर्थयात्रादर्शक। पाठशाला है, इस मन्दिरमें १ भौंहरा है, यहां दिन घर बहुत हैं, पूरे शहरमें १० मन्दिर हैं, पूछकर सबका दर्शन करना चाहिये। एक मन्दिरजीमें ४ मन्दिर शामिल होनेसे कुल १३ मन्दिर कहे जाते हैं । यह शहर बहुत बड़ा है, सब माल विकता है । बाजार, गढ़, पलटन, तालाव, अनायब घर, देखने योग्य हैं । मनायब. घरमें बहुत दि० जन प्रतिमा बहुत हैं, मन्दिरका ठिकाना दीतवारीमें ८, सुन्दरसाका नवीन शुक्रवारीमें, १ पुरानी शुक्रवारीमें, १ दृनवाड़ामें । यहांसे फिर दीतवान स्टेशन जावे । टिकिट !) देकर रामटेक जावे, बीचमें कामठी जंकशन पड़ता है । यहां भी शहर ठीक है, बड़े मन्दिर, भौहरा, प्रतिमा है । जैनियोंके घर बहुत हैं, स्टेशनके नजदीक धर्मशाला कुआ है, यात्रियों की इच्छा हो तो उतर जावे | नागपुरसे १ रेलवे रामटेक, १ गोंदिया, छिंदवाड़ा, सिवनी होती हुई नैनपुर जा मिलती है। १ वर्धा, भुसावल, मनपाड़, नाशिक, बम्बई तक जाती है, चाहे निघर जावे । कामठीसे एक रेल गोंदिया, दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर, अकलतरा, विलाशपुर, जाड़सुकड़ा, खड़गपुर होती हुई कलकत्ता जाती है। इन सब मामोंमें दि० जैन वस्ती बहुत है, बीच में बहुत जंकशन पड़ता है । वहां रेलवे दुसरी २ तरफ जाती हैं। रायपुरमें दि जैन मंदिरमें पाषाणकी बहुत प्राचीन प्रतिमा हैं, २ स्फटिकमणिकी २ छोटी प्रतिमा है । इस तरफ जानेवाले भाई रायपुर दर्शन करके आगे जाय।
(११२) रामटेक । स्टेशनसे ।) माना सवारीमें बैलगाड़ीवाला श्री शांतिनाथके मन्दिरमें ले जाता है। बीचमें ३ मील पकी सड़क है, रामटेक