________________
[ १०७]
निवाई या नवागढ़ यह बुन्देलखण्ड का एक प्राचीन अतिशय क्षेत्र है। यह झांसी प्रदेशान्तर्गत ललितपुर तहसील महरौनी से पूर्व की ओर १३ मील की दूरी पर सुरम्य पहाड़ी के निर्जन स्थान में स्थित है। उपलब्ध मूर्तियों व लेखों से यह स्पष्ट जान पड़ता है कि १२ वी १३ वीं शताब्दियों में यह क्षेत्र समृद्धि को प्राप्त हुआ था। __श्री पं० परमानन्द जी का कहना है कि इस क्षेत्र पर अनेक ऐसी घटनायें घटित हुई हैं जिन से यह अतिशय क्षेत्र कहलाया। कुछ समय पूर्व सांपोन ग्राम निवासी हलकूराम नाम के व्यक्ति को उन्माद रोग हो गया था, उस रोग ने अपना भयंकर रूप धारण कर लिया। वह उस अवस्था में नग्न ही इधर-उधर फिरता था। कुछ समय बाद वह नवाई आ गया और उसने उस क्षेत्र के चारों मोर चक्कर लगाना प्रारम्भ किया। पश्चात् पुण्योदय से भोयरे में स्थित श्री अरहनाथ की प्रशांत मूर्ति का दर्शन हुआ। दर्शन करते ही उसका वह भयंकर रोग चला गया। इससे उसके चित्त में उस मूर्ति का दर्शन करने और वहीं रहने का निश्चय हो गया पौर वह वहीं पर रहने लगा। उसने जल यात्रा महोत्सव भी करवाया था और शेष जीवन उस क्षेत्र का अतिशय व्यक्त करते हुए सफल बनाया था। .
- यहाँ पुरातत्व की बहुत सामग्री विखरी पड़ी है। उसे सुरक्षित करने के लिए संग्रहालय का निर्माण भी किया गया है । यहां एक जीर्ण पुरानी दीवाल को निकालते समय सं० ११९६ की प्रतिष्ठित खण्डित मूर्ति मिली।
पवाजी . यह उत्तर प्रदेश में स्थित झांसी जिला मंडलान्तर्गत ललितपुर तहसील का एक छोटा सा ग्राम है। झांसी से २६ मील और