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२-पम गुण पर्याय
२-द्रव्याधिकार भी इन्द्रिय से ग्रहण होने शक्य नहीं । १०१. निम्न वस्तुयें क्या है ?
पुस्तक, चौकी, स्तम्भ, जूता, वायु, घड़ी, मोटरकार, वस्त्र । १०२. पांचभूत कौन से हैं ?
पृथिवी, अप, तेज, वायु, आकाश । आकाश भौतिक नहीं है
इसलिये कोई कोई चार ही भूत कहता है । १०३. पृथिवीभूत से क्या तात्पर्य ?
सभी ठोस पदार्थ अर्थात स्थूल स्थूल स्कन्ध पृथिवी कहे जाते
हैं; जैसे मिट्टी, पत्थर, लोहा, सोना, रत्न आदि । १०४. अपभूत से क्या समझे ?
सभी तरल पदार्थ अर्थात् स्थूल स्कन्ध अप कहे जाते हैं; जैसे .जल, तेल, घी, दूध आदि । १०५. तेजभूत से क्या समझे ?
ऊष्णता व कान्तिरूप से जो कुछ प्रतीत होता है वह सब तेज . या अग्निभूत है; जैसे अग्नि, सोने की कान्ति आदि । १०६. वायुभूत से क्या समझे?
वायुवत् प्रतीति में आने वाले सब पदार्थ वायुभूत के अन्तर्गत
; जैसे- सभी प्रकार की वायु, गैस, वाष्प, धूम आदि । १९७. क्या ये दृष्ट ठोस व तरल आदि पदार्थ ही पंचभूत हैं ?
यद्यपि समझाने के लिये ऐसा ही बताया जाता है, परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं । ये सभी उपरोक्त पदार्थ तो पांचों भूतों
के सम्मेल व संघात से उत्पन्न स्थूल स्कन्ध हैं । 'भूत' तो सूक्ष्म ..... हैं। जिन्हें आहारक वर्गणा के ही उत्तर भेद रूप से ग्रहण :: किया जा सकता है। दृष्ट पृथिवी में भी वे पांचों हीनाधिक : रूप से देखे जा सकते हैं और दृष्ट जल व वायु आदि में । जिस
'भूत' का अंश अधिक होता है, वह भूत वैसे ही लक्षण वाला कहा जाता है।