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________________ १-न्याय ४-नय अधिकार प्रश्नावली १. लक्षण करो: नय, निश्चय नय, व्यवहार नय, द्रव्याथिक नय, पर्यायाथिक नय, नैगम नय, संग्रह नय, व्यवहार नय, ऋजुसूत्र नय, शब्द नय, समभिरूढ नय, एवंभूत नय; सद्भूत व्यवहार नय; असद्भूत व्यवहार नय; उपचरित असद्भूत व्यवहार नय ; शुद्ध निश्चय नय; अशुद्ध निश्चय नय । २. अर्थ नय व व्यञ्जन नय के लक्षण व भेद दर्शाओ। ३. नैगमादि को अर्थ नय तथा शब्दादि को व्यञ्जन नय कहने में हेतु? ४. नैगमादि सात नयों के विषयों में स्थूलता व सूक्ष्मता दर्शाओ। ५. निश्चय नय व व्यवहार नय तथा उनकी कथन पद्धति में क्या अन्तर है ? ६. सद्भूत व्यवहार व असद्भूत व्यवहार में क्या अन्तर है ? ७ सद्भूत व असद्भूत में विशेषणों का सार्थक्य दर्शाओ। ८. निश्चय नय व सद्भूत व्यवहार में क्या अन्तर है ? ६. निश्चय नय के भेद करना उपचार क्यों? १०. उपचार होते हुए भी व्यवहार नय व उसके भेदों को कहने की क्या आवश्यकता है? ११. नय से अतीत व्यक्ति कैसा होता है ? १२. क्या नयों को जान लेने मात्र से अथवा व्यवहार की असत्यार्थता को जान लेने मात्र से उसका आश्रय छूट जाता है ? १३. व्यवहार नय का आश्रय कैसे छूटे ?
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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