________________
३/२ उदय उपशम आदि अधिकार
(१) उदय किसको कहते हैं ?
स्थिति पूरी करके कर्म के फल देने को उदय कहते हैं। (२) उदीरणा किसको कहत हैं ?
स्थिति पूरी किये बिना ही (पाल में दबाकर पकाये गये आम
वत्) कर्म के फल देने को उदीरणा कहते हैं। (३) उपशम किसको कहते हैं ?
द्रव्य क्षेत्र काल भाव के निमित्त से कर्म को शक्ति की अनुद्
भति को उपशम कहते हैं। (४) उपशम के कितने भेद हैं ?
दो हैं- एक अन्त:करण रूप उपशम, दूसरा सदवस्था रूप
उपशम । (५) अन्तःकरण रूप उपशम किसको कहते हैं ?
आगामी काल में उदय आने योग्य कर्म परमाणुओं को आगे पीछे उदय आने योग्य करने को अन्तःकरण रूप उपशम कहते
(६) सदवस्था रूप उपशम किसको कहते हैं ?
वर्तमान समय को छोड़कर आगामी काल में उदय आने वाले
अन्य कर्मों के सत्ता में रहने को सदवस्था रूप उपशम कहते हैं। (७) क्षय किसको कहते हैं ?
कर्म की आत्यन्तिकी निवृत्ति को क्षय कहते हैं।