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________________ २/३ गुणाधिकार (१ गुण सामान्य) (१) गुण किसे कहते हैं ? जो द्रव्य के पूरे हिम्मे में और उसकी सब हालतों में रहे उसे गुण कहते हैं । (इस लक्षण सम्बन्धी तर्क वितर्क के लिये देखो पीछे सामान्याधिकार में ‘गुण नामक तृतीय विभाग) (२) गुण के कितने भेद हैं ? दो हैं--एक मामान्य दुमरा विशेष । (३) सामान्य गुण किसे कहते हैं ? जो मर्व द्रव्यों में न व्यापे (या पाया जाये) उसे सामान्य गुण कहते हैं। (४) विशेष गुण किसे कहते हैं ? जो सर्व द्रव्यों में न व्यापे (न पाया जाये) बल्कि अपने अपने द्रव्यों में (द्रव्य जातियों में) रहे उसे विशेष गुण कहते हैं। (५) सामान्य गुण कितने हैं ? अनेक हैं लेकिन उनमें छः मुख्य हैं; जैसे-अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व. अगुरुल घृन्ध व प्रदेशत्व । ६. विशेष गुण कितने हैं ? अनेक हैं लेकिन उनमें १२ प्रधान है। जीव के चार-ज्ञान, दर्शन, सुख व वीर्य । पुद्गल के चार-रूप रस, गन्ध व स्पर्श । धर्मास्तिकाय आदि के चार --गति हेतुत्व, स्थिति-हेतुत्व, अवगाहणा हेतुत्व व परिणमन हेतुत्व ।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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