________________
२- द्रव्य गुण पर्याय
१९६. क्या अलोकाकाश में भी परिणमन होता है ? हाँ, क्योंकि वह भी द्रव्य है, परिणमन करना प्रत्येक द्रव्य का स्वभाव है ।
८१
१६७. काल द्रव्य के अभाव में अलोकाकाश कैसे परिणमन करे ? क्योंकि आकाश अखण्ड द्रव्य है । लोक व अलोक कोई पृथक द्रव्य नहीं है । इसलिये लोक के परिणमन के साथ इसका भी परिणमन अवश्यम्भावी है; जैसे कि कुम्हार के चाक की कीली के ऊपर वाला चक्र का भाग जब घूमता है तो शेष भाग को भी घूमना पड़ता है ।
१६८. अलोकाकाश में परिणमन का निमित्त क्या ?
लोकाकाश वाला काल द्रव्य ही वहां निमित्त है; जैसे कि कुम्हार के सारे चाक को घूमने में मध्य भाषा वाली कीली ही निमित्त है ।
१६६. क्या काल द्रव्य भी परिणमन करता है ?
२- द्रव्याधिकार
हाँ, क्योंकि परिणमन करना द्रव्य का स्वभाव है ।
२०० काल द्रव्य किसके निमित्त से परिणमन करता है ? स्वयं अपने निमित्त से ।
२०१. काल द्रव्य मानने की क्या आवश्यकता, सभी द्रव्य कालवत् स्वयं स्वभाव से परिणमन कर लें ?
नहीं ; सर्व द्रव्यों में परिणमन करने का स्वभाव है परन्तु कराने का नहीं । काल द्रव्य में परिणमन करने का व कराने का दोनों स्वभाव हैं । इस लिये काल द्रव्य बिना किसी की सहायता के स्वयं परिणमन कर सकता है, परन्तु अन्य द्रव्य नहीं ।
( ७. अस्तिकाय)
२०२. अस्तिकाय किसको कहते हैं ?
बहु प्रदेशी द्रव्य को अस्तिकाय कहते हैं ।